Friday, February 5, 2010

मित्रो को मैच खेलने के लिए बुलाना था, सोचा की थोड़े अंदाज़ से बुलाया जाय

देश संकट में है

मित्रो,
देश संकट में है, भारत माता का स्वाभिमान ललकारा जा रहा है, प्रश्न अब सत्ता का नहीं बल्कि अस्तित्व का हो गया है….. ज़िम्मेदारिया बढ़ गयी है. …..गर्व है की क्रिकेट में हम पहले पायदान में है, पर बहुत दूर से अफ्रीकी कबीलाई लड़ाके आ रहे है, ….ठीक वैसे ही जैसे गोरी गज़नवी आये थे...हमें हमारी ही ज़मीन पर ललकारने, चुनौती देने और हमें पहले पायदान से धकेलने....स्थितिया तब और मुश्किल हो गयी जब द्रविड़ देश का अचूक विश्वसनीय बल्लेबाज़ घायल हो गया और पंचनद प्रदेश का आक्रामक सिपाही भी चोटिल हो गया, गेंदबाज़ी और क्षेत्ररक्षण हमेशा से चिंता का विषय रहे है......ऐसे में दायित्व है हमारा, कि हम अपनी ज़िम्मेदारिया पहचाने.....अधिकारों के लड़ाई के बीच कर्त्तव्य का पथ चुने.....कहा गया है कि युद्ध कि विषम स्थित में नागरिको को सैनिको सा व्यवहार करना चाहिए.......तो बल्ले और गेंद पर हाथ आजमाने के लिए तैयार हो जाइये....वक़्त रविवार सुबह 9 बजे का और स्थान हाई वे के पास का "डी" मैदान निश्चित हुआ है....समय पर पहुचना ज़रूरी है वरना हमारे अपने देशवासी मैदान पर कब्ज़ा कर लेंगे .....

विशेष- ये बड़े सौभग्य कि बात है कि बड़े भाई श्री अनुराग शर्मा हमारे मुख्य संरक्षक के तौर पर जुड़ रहे है.....बड़े भाई श्री शैलेन्द्र कुमार जी अभिवावक और मुख्य मार्गदर्शक कि भूमिका में है ही... लक्ष्य दुरूह है पर असंभव नहीं

अब मैदान पर मुलाकात होगी.......जय भारत

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