Thursday, December 31, 2009

साल का आखिरी दिन

आज सुबह की शुरुवात बेहद शानदार रही, ऑफिस में शिवम् शुची समन्विता कौशल मनोज न्रपेंद्र के साथ कुछ बेहद मजेदार बाते हुई. बात बात में ही समोसे और कचौडिया भी मंगाई गयी.... जाहिर सी बात है सबसे ज्यादा मज़े लेकर खाने वालो में से मै ही था, पिछले 2-3 सालो में शरीर का सत्यानाश कैसे करते है, का मै एक बड़ा उदाहरण हूँ. पर "खाने" और "सोने" का मज़ा ही कुछ अलग है.


खैर खुश होने की वजह दूसरी है, आज बचपन के दोस्त नीरज से संपर्क हुआ, उसने मेरा ब्लॉग पढ़ा और मुझे शुभकामनाये भी दी, नीरज एक इंजीनियर है और गुडगाँव में कार्यरत है. हम स्कूल के दिनों के दोस्त है. और वो मेरा सबसे अच्छा दोस्त था- दोस्त है. हालाँकि अब मिलना बहुत मुश्किल से हो पाता है. स्कूल में हम दोनों ने इकठा रहकर अपने शिक्षको के .....(नाक) में दम कर रखा था. कई बार क्लास से साथ साथ बाहर निकाले भी गए, पर एक स्टुडेंट के तौर पर हम दोनों तमाम गंभीर टाईप के विद्यार्थियो से बेहतर थे. हम केमेस्ट्री का ट्यूशन "पी एस यादव" के यहाँ पढने जाते थे. उनकी नज़र में हम में काबिलियत तो थी मगर लापरवाह थे......वो धमकाते थे की “तुम दोनो के लक्षण फेल होने वाले जैसे है. सिर्फ दो दिन पढ़ लो तो पास हो जाओगे”. हमने उनकी बात मानी और सिर्फ दो ही दिन पढ़ा...हम दोनों ही केमेस्ट्री में डिकटेंशन लेकर आये... UP Board में डिकटेंशन लाना बहुत बड़ी चुनौती होती है... दूसरे बोर्ड्स (90%+ Type) की पूरी इज्ज़त करते हुए मै ये कह रहा रहा हूँ……


इसके अलावा "भवन" के दोस्त ध्रुव अरोड़ा से भी बात हुई, उसका कुछ दुबई का प्लान बन रहा है- मगर अभी कुछ उसने खुलकर नहीं बताया. प्रणय शर्मा का भी जी-चैट पर ब्लॉग की बधाई का मैसेज आया पर मशरूफियत की वजह से ज्यादा बात नहीं हो पायी. वो छोटे भाई जैसा है. हमने स्टार न्यूज़ में साथ काम किया है.


सुबह मम्मी जी और पापा जी से भी फोन पर बात हई थी- पापा जी ने "हम तुम्हारे बाप है" वाली स्टाइल में ज्ञान दिया है- उनके बात करने के तरीके का मै बचपन से मुरीद हूँ- न चाहते हुए भी उन्होंने मुझे किसी काम के लिए मना लिया है, खैर फायदा भी मेरा ही है- इसलिए मै बेहद जल्दी पूरी तन्मयता से उनके आदेश पालन में लग जाऊँगा


खबर के मैदान में तमाम खबरों के बीच टेलीग्राफ पर खबर दिखी की अमेरिका में एक वेदर चैनल की "एंकर" को बुलेटिन पढ़ते वक़्त उसके बॉय फ्रैंड ने शादी के लिए लाइव प्रपोज़ किया, थोड़ी ही देर में विजुअल भी मिल गए... मामला फिक्स सा था- मगर था रोचक .


दो बेहद शातिर दोस्त दीपांशु और अरुणोदय शाम का कुछ प्रोग्राम बना रहे है, दीपांशु ने कल शाम के डिनर की लाश बिछा दी थी, देखते है आज क्या होता है……….. जो भी होगा- अगर बताने योग्य हुआ तो ज़रूर बताऊंगा

Wednesday, December 30, 2009

प्रतिक्रियाये

ब्लॉग लेखन को अपेक्षा से अधिक प्रतिक्रियाये मिली, कुछ ने बाकायदा सुझाव भी दिए, दीपांशु और प्रिया अपनी शुभकामनाये दर्ज करवाने में सफल रहे, सिद्धार्थ बेचारे पोस्ट नहीं कर पाए तो उन्होंने अपनी शुभकामनाये मेल कर दी, इसके अलावा मेरे भाई रूद्र ने भी फोन किया, नवीन भाई ने भी प्रोत्साहित किया, हिमांशु त्रिपाठी ने भी खासी तारीफ की, इसके अलावा सौम्या, नेहा और बिद्या से भी चर्चा हुई, प्रवीण यादव ने भी मार्गदर्शन करने का वायदा किया है- पर उनकी तबियत को देखते हुए मुझे संदेह है. मनोज कुमार ने ब्लॉग पढने की बात कही है. समन्विता ने भी कहा की मुझे प्रयास जारी रखना चाहिए. दीपांशु के माध्यम से विनोद जी डबराल को भी पता चला या शायद उन्होंने पढ़ा भी और उन्होंने भी हौसला बढाया............... आप सभी का शुक्रिया,
कल रात आफ्टरनून शिफ्ट के बाद आज सुबह मोर्निंग में आना सजा जैसी होती है मगर इस सजा में मज़ा ये है की मुझे अपनी ख्वाहिशे पूरी करने के लिए शाम मिल जाती है. आज शाम को फिल्म "रात गयी- बात गयी" का मीडिया के लिए प्रेस शो है, अगर आहूजा सर भेजेंगे तो मई वह जाकर फिल्म का रिव्यू करना पसंद करूँगा और अगर उन्होंने मना किया तो बहुत दिनों से एक पुराने दोस्त की शिकायत दूर करने का बिलकुल सही मौका है- पर उसके लिए भी कनाट प्लेस जाना पड़ेगा.
खैर आज ऑफिस पहुंचकर "मानेसर मंत्रणा" से वापस आये मित्रो ने इस प्रवास को कामयाब बताते हुए क्रिकेट मैच का जिक्र - जो काफी रोचक थी. रुचिका- राठोड प्रकरण आज भी सबसे बड़ी खबर है, पहले राठोड साहब हँसते हुए दिखाई दिए थे- जो शायद इस पूरे प्रकरण में सबसे ज्यादा असर करने वाला विजुअल था पर आज वो काफी परेशान दिखा, हमें भी एक बार फिर राठोड के माध्यम से बाजुओ की ताक़त को आजमाने का मौका मिला है, राठोड को सजा मिलती है या नहीं ये तो भविष्य के गर्त में है- लेकिन ऐसे आरोपों और उनकी पुष्टि के बाद क्रूर हंसी नहीं दिखनी चाहिए.
दोपहर १२ बजे तक तमाम खबरे आ गयी, ये सुखद स्थित थी, अन्यथा खबरों या उनकी गुडवत्ता में कमी परेशान करने वाली होती है. कुल मिलाकर काफी गहमा गहमी है और चैनल पर लगभग सारी बड़ी खबरे और जगहों से पहले और विजुअल्स के साथ चली है....आगे बचे दिन के लिए संकेत अच्छे है.......अगर आज मौका मिला तो आज अन्यथा कल फिर मुलाकात होगी

Tuesday, December 29, 2009

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Monday, December 28, 2009

प्रथम प्रयास

बहुत दिनों से सोच रहा था की अपना कोई ब्लॉग हो जहाँ मै भी अपने दिल की बात रख सँकू, निश्चित तौर पर इस कार्य को करने की प्रेरणा बड़े बच्चन साहब से और तमाम मीडिया ब्लॉग्स से मिली. साथ में रितेश वर्मा जैसा सहयोगी हो जिनकी दक्षता नेट के इस मायाजाल में उतनी ही है जितनी की सौरव गांगुली को ऑफ साइड में स्ट्रोक खेलने की- तो बस तैयार हो गया हमारा भी ब्लॉग.. अब हम भी खुद लिखेंगे और खुद पढेंगे.
पर दक्ष प्रश्न है की लिखे क्या, किसी की आलोचना करते समय हम इतना गिर जाते है की माँ बहन की गालियाँ भी उसे अलंकार लगने लगे, वहीँ तारीफ़ करते वक़्त उसे खुदा का दर्ज़ा दे देते है... जाहिराना तौर पर हम कुछ ज्यादा ही जज्बाती है और इसमें हमारी गलती भी नहीं है. हम ऐसी ही कौम से आते है. इन लोगो को हिन्दुस्तानी कहा जाता है- साले बड़े इमोशनल होते है. समसामियिक विषयों पर ज्ञान दे सकते है पर क्या करे या तो मुद्दों में गर्मी नहीं रही या हम शुष्क हो गए- जब कार चलाना सीख रहे थे तब पहिये के नीचे पिल्ला आ गया और साला मर गया. एक हफ्ते तक खाना नहीं खाया गया और महीनो साला सपनो में आकर डराता रहा, दोस्तों ने जाना तो बड़ा मजाक उड़ाया क्यूंकि कालेज के दिनों में हम बिलकुल वैसे ही लड़के थे जिनके बारे में माँए अपने बच्चो से कहती थी की "इसके साथ मत खेला करो- गन्दा बच्चा है".. काफी लड़ाई झगडा लगा रहता था . पर उस पिल्ले ने मर कर जो लात मारी की उस वक़्त की जिन्दगी मुहाल हो गयी. खैर ये "उस वक़्त" की बात है . अब तो इंसानों की मौत भी वो दर्द नहीं देती. पर मै इसे बुरा भी नहीं मानता. ये ऐसा कुछ नहीं है जिसके बारे में मुझे इसमें आने से पहले पता न हो, .......मुझे पता था की मीडिया में आकर "कौतुहल" "सामान्य" में बदल जायेगा. और मै इसके लिए तैयार था...मै इसे पसंद भी करता हूँ...
पर सवाल अभी भी वही है की क्या लिखूंगा, फिल्मो और क्रिकेट के बारे में मेरी अपनी राय ज़रूर रहती है- तो उसे तो लिखूंगा ही, साथ में रोजानामाचा भी रखने की कोशिश करूँगा... कम से कम वायदा तो कर ही सकता हूँ........