Thursday, January 14, 2010

हाज़िरी

फिर से कई दिन गायब रहा, आज अनुराग शर्मा ने भी टोका …..विश्वास मानिए की वजह सिर्फ और सिर्फ समय की कमी थी... ऐसा नहीं है की मै कोई खास व्यस्त रहने वालो में से हूँ पर हर दिन करीब 12 घंटे ऑफिस में रहने के बाद और सिर्फ एक दिन अवकाश के कारण जिस्म और जान दोनों इजाज़त नहीं दे रहे थे की कुछ लिखा जाए. इस बार सोचा था की रोजाना की चर्चा करने के बजाय कुछ और लिखूंगा पर विषय नहीं मिल रहा था और इस कारण भी देर होने लगी. खैर आपसी बाते - मुलाकाते छूट न जाय इसलिए फिर से हाज़िर हूँ कर्मो का लेखा जोखा लेकर…..

दरअसल तारीख 7 जनवरी से हम रात्रि सेवा में चले गए और लगातार 5 रातो तक रात के कोहरे, अपराध और सुबह पेपर्स में छपने वाली खबरों के साथ धींगामुश्ती चलती रही... शिफ्ट बेहद सरलता पूर्वक ख़त्म हो गयी....इसी बीच नयी टीआरपी रेटिंग्स आई और स्टार न्यूज़ नंबर 1 चैनल बन गया. तमाम तारीफे हुई.....मुझे भी बड़ो से शाबाशी मिली.....ये क्षण काफी दिनों बाद आये इसलिए काफी खुश थे हम सब……

इसी बीच दो पुराने साथियो से बात हुई..... पहली दिल्ली आने के बाद मेरे सबसे अच्छे दोस्तों में से एक दीप्ति रावत (अब बोरा), जो मेरे साथ भारतीय विद्या भवन में जर्नलिज्म की साथी थी, भवन में हमारी अच्छी दोस्ती थी और हम ज़्यादातर एक ही टीम में रह कर काम करते थे. मेहनत के सारे काम मै किसी तरह उसी से करवा लेता था....और उस पर भी उसे एहसास दिलाता था की सब मै कर रहा हूँ.... फिलहाल वो इस वक़्त रायल ब्रिटिश आर्मी ( मतलब UK, वहां जाने वाले हर शख्स को मै यही तमगा देता हूँ) में है, भवन में भी वो काफी तेज़ स्टुडेंट्स में थी, वहां पर भी उसने रेडियो, अखबार और दुसरे माध्यमो में काम किया है, मजेदार बात ये है की जब भी हमारी बात होती है वो कुछ नया कर रही होती है- बिना पुराना काम छोड़े.....लाज़वाब.... उसकी शादी हो गयी है और वो काफी मज़े में है.....मेरी शुभकामनाये उसे.....

दूसरे है सैय्यद आलम - आलम लखनऊ यूनिवर्सिटी में Philosophy में हमारे साथ थे और खासे लफंगे थे...... मै आज तक एक से एक लफंगों और छिछोरों से मिला हूँ पर आलम भाई के आसपास भी कोई नहीं है... मै खुद भी कोई बहुत बुरा खिलाडी नहीं था पर साहस और दुस्साहस के बीच के फर्क को जिस तरह आलम ने ख़त्म किया था वो सबके बस के बात नहीं....बेहद करीबी दोस्त...गायब हो गए थे पर टीवी पर मुझे देखने के बाद कहीं से मेरे नंबर जुगाड़ लाये और वही आवाज़- " अमा क्या बे!भूल ही गए यार तुम”……. आलम फिलहाल लखनऊ में ही है और ऑटो स्पेयर्स के धंदे में है ....सही है.....उसे भी ज़िन्दगी मुबारक

रात की शिफ्ट ख़त्म होने के बाद शाहिद कपूर और जेनेलिया डिसूज़ा की आने वाली फिल्म चांस पर डांस के प्रमोशन को कवर करने गया... मै तो उन दोनों को सस्ते में ही निपटाना चाहता था मगर लगभग हर चैनल को 5 मिनट देने वाले शाहिद और जेनेलिया डट गए की हमें आधा घंटा देंगे, मै भी परेशां की मियां इतनी देर तक आपसे क्या बाते करूँगा, सारी कंट्रोवर्सी तो मै 5 मिनट में ही निपटा दूंगा फिर बाकी का वक़्त क्या करेंगे,,.. वैसे भी मै सिर्फ वही सवाल करता हूँ जो चैनल पर चले... खैर दोनों के इंटरव्यू किये और तीन स्टोरीज़ बन भी गयी... और चली भी..... मेरी बल्ले बल्ले. ज़ाहिर सी बात है एक स्टोरी शाहिद और करीना के टकराव की थी. ....शाम को बड़े भाई पंकज झा साहब का मैसेज आया की दिलज़लो की दुखती राग पर हाथ मत रखो- शायद उन्होंने भी खबर चलते देखी-- मैंने भी ज़वाब में एक उपहास भरा मैसेज डाला. ....टीवी देख रहा दीपांशु तुरंत बोल पड़ा की "यार तुम काफी मोटे हो गए हो"...मुझे भी पता है, पर वो बिना कहे या कहूँ की ताना मारे कहा रहने वाला था.... स्टोरी चलने के वक़्त शालिनी शुक्ला का भी मैसेज आया.....हम स्टार न्यूज़ में साथ आये थे.....मैंने सीधा उसी से पूछा की क्या मै काफी मोटा हो गया हूँ.....उसने डिप्लोमेटिक जवाब दिया....मुझे अच्छा लगा...कोई सीधे सीधे मेरी बुराई कर दे...मुझे कभी अच्छा नहीं लगता......मुझे क्या किसी को अच्छा नहीं लगता....बस कोई कह देता है...कोई नहीं कह पाता……….

कल का दिन प्रीती जिंटा के नाम रहा......सुबह वो एक के NGO लिए विधवा मदद के लिए काम करती नज़र आई तो शाम को चेरी ब्लेयर के साथ लोहड़ी मनाती...उनकी उदासी पर मैंने अपने फेसबुक पर लिखा जो कुछ साथियो को नागवार गुज़री…. श्रुति और रानिता मेरे नज़रिए के खिलाफ थे तो वहीँ दिव्या दीपांशु और नीरज को मेरी बात सही लगी …….सबसे अलायदा टिप्पड़ी तो शुची बाजपाई की थी की मै कालेज के ज़माने से अड़ियल हूँ,..मुझे तो नहीं लगता पर हो भी सकता है...खैर मुझे वाकई प्रीती जिंटा काफी उदास और डरी सहमी लगी …..

मकर संक्रांति होने के कारण पापियो का पापी और मेरा रूम मेट दीपांशु गर्ग आज सुबह गंगा स्नान पर हरिद्वार गया है...मुझसे भी पूछा था पर त्योहारों के दिन मै मंदिर नहीं जाता.....गीजर में मेरे हिस्से के गरम पानी का इस्तेमाल करके उसने सुबह की शुरुवात भी पाप से की....मजबूरन मेरे हिस्से ठंडा पानी आया....आफिस में आते ही सुबह की सर्दी पर रिपोर्टिंग और फिर सब रोज का काम.....फिलहाल आज तक यही......इसी बीच कुछ और याद आया तो ज़रूर बताऊंगा........

एक खबर- मेरा ब्लॉग पढने वाले पाठको की संख्या आज सुबह तक 67 हो गयी है, भारत से 59, अमेरिका से 5 और इंग्लैंड, कनाडा और सउदी से 1. आप सभी को धन्यवाद और शुभकामनाय

2 comments:

  1. अरे जनाब, वास्ता लखनऊ से है और लिखावट में लचक भी। लेकिन यह क्या, भाषा और मात्राओं के साथ बहुत ना इंसाफी है। खैर ब्लागिंग का शौख़ बढ़िया है। लगे रहिये......

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  2. wow bhaiya u r great.......
    very nice...

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