Saturday, September 3, 2011

Film Review – Body Guard

सही कहते है की कामयाबी पाना ज्यादा मुश्किल नहीं है, पर उसे बरकरार रखना ज्यादा बड़ी चुनौती है। विश्वास न हो तो धोनी से पूछ लीजिये। सलमान खान के लिए भी अब वक़्त आ गया है की वो इस बात को समझ जाए । दर्शकों का प्यार पाना मुश्किल नहीं पर उसे संभालना हर किसी के बस की बात नहीं। बेशक सलमान खान की आम जनता में गहरी पकड़ है। ये वो लोग है जो जानते है की सलमान की एक्टिंग में कुछ ख़ास नहीं है, अगर सलमान को कुछ स्पेशल बनाता है तो वो उनका स्टाइल है। चाहे वो वांटेड हो या दबंग या रेडी, किसी भी फिल्म में सलमान खान की एक्टिंग की नहीं बल्कि उनके अंदाज़ की तारीफ़ हुई है, लेकिन सलमान को भी अपने "लॉयल दर्शकों" के बारे में सोचना पड़ेगा वरना भेडचाल के चलते उनकी फिल्म को बड़ी ओपनिंग तो मिल जाएगी पर उसके बाद मुश्किल आएगी, और इसी तरह चलता रहा तो कुछ वक़्त बाद बम्पर ओपनिंग भी मुश्किल हो जायेगी।

बॉडीगार्ड में सलमान फिर से "मेरा ही जलवा" के तर्ज़ पर है, लेकिन अगर बात फिल्म की कहानी की करे तो उसमे जरा भी दम नहीं है। कहा तो ये गया था की फिल्म इंटरटेनमेंट के सारे मसाले है लेकिन हकीकत ये है की फिल्म में ने तो मजेदार कॉमेडी है, न असरदार रोमांस, रही बात USP एक्शन की तो वो भी बेवजह का लगता है । कहानी कुछ यूँ है की बॉडीगार्ड लवली सिंह (खान) को एक रईस और इज्ज़तदार ठाकुर सरताज राणा (बब्बर) की बेटी दिव्या (करीना) की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी मिलती है। बॉडीगार्ड होने तक तो ठीक था पर एक दिन दिव्या को उससे प्यार हो जाता है। अब बॉडीगार्ड तो बॉडीगार्ड, वो प्यार कैसे कर सकता है, ख़ास बात ये है की उस बेचारे को पता भी नहीं है की वो जिसका बॉडीगार्ड है वही उससे प्यार करती है. तमाम बेवजह के मोड़ो के बाद बॉडीगार्ड और दिव्या के प्यार को मंजिल मिलती है । कहानी भी ढीली है और इस बार सलमान के डायलोग भी उतना असर नहीं डालते, हाँ एक बात है की जहां भी मौका मिला है, सलमान बॉडी दिखाने से नहीं चूंके है। करीना कपूर अपने देसी लुक में खुबसूरत लगी हैं, बाकियों की बात न ही करे तो अच्छा है।

हाँ फिल्म का म्युज़िक अच्छा है, लंबे अर्से बाद हिमेश रेशमिया एक ज़माने के अपने आका सलमान की फिल्म में वापस आये है और हिमेश ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया। यहाँ पर फिल्म के एक गाने "तेरी मेरी प्रेम कहानिया" का ज़िक्र ज़रूर करना होगा जो सुनने और देखने दोनों में बेहतरीन है.

सौ लफ्जों की एक बात की सलमान की हवा क्या आंधी चल रही है, ऐसे में ये फिल्म न केवल चल ही जाएगी बल्कि पैसे भी खूब कमाएगी लेकिन वक़्त आ गया है की सलमान को ये सोचना चाहिए की हमेशा ये दौर नहीं रहेगा.

आखिर में एक बात कि " सलमान भाई मुझ पर एक अहसान ज़रूर करना कि दुबारा बॉडीगार्ड जैसे एहसान मत करना"

1 comment:

  1. review padh kar maza aaya, apni baato ko dubey ji aap ne behtareen tarike se pesh kiya hai,jaise ke ye line " सलमान भाई मुझ पर एक अहसान ज़रूर करना कि दुबारा बॉडीगार्ड जैसे एहसान मत करना" bahut pasand aaya. halaki mere rai film ko le kar thoda alag hai, film ke aakhiri 15 min ko chor kar puri film ko maine enjoy kiya.

    amit anand

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