Friday, July 26, 2013

बाटला हाउस मुठभेड़ पर कुछ विवादित बयान

 सिर्फ जानकारी - कोई विश्लेषण नहीं-

नंवबर 2008, मशहूर लेखिका अरुंधति राय ने भी जामिया नगर के बाटला हाउस मुठभेड़ कांड की न्यायिक जांच की मांग की थी। एक टीवी चैनल पर टॉक शो के दौरान अरुंधति ने कहा कि पुलिस की कहानी पर सवाल उठा रहे हजारों लोगों में से मैं भी एक हूं। मैं इसे पूरी तरह फर्जी नहीं कह रही हूं लेकिन बेहतर हो कि मामले की न्यायिक जांच हो जाए। अरुंधति ने कहा थी कि हालांकि वे मौके से मिले वीडियो क्लिप्स और दूसरे सबूतों को पूरी तरह से खारिज नहीं कर रही हैं। उन्होंने दिल्ली विस्फोट के मास्टरमाइंड को लेकर समय-समय पर आए पुलिस के अलग-अलग बयान पर भी सवाल उठाए।...

3 फरवरी 2010, दिग्विजय सिंह ने बाटला हाउस में हुए मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उन्होंने खुद मारे गए दो युवकों की तस्वीरें देखी थीं, जिसमें एक लड़के की सिर में गोली लगी थी। मुठभेड़ में सामने से गोली चलेगी तो पेट या सीने में लगेगी न कि सिर पर।

12 जनवरी, 2012 : दिल्ली के बटला हाउस मुठभेड़ मुद्दे को दिग्विजय सिंह ने फर्जी बताकर फिर से उछाला दिया था। बटला हाउस मुठभेड़ पर राहुल गांधी को जहां विरोध का सामना करना पड़ा वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से इस घटना को उठाते हुए इसे फर्जीबताया। उन्होंने कहा कि वह हमेशा से बटला हाउस मुठभेड़ को फर्जी मानते रहे हैं और सरकार और गृह मंत्रालय से इस मामले की जांच कराने की कोशिश की लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पायी। सिंह ने आजमगढ में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्रालय की राय थी कि मुठभेड़ वास्तविक थी। इसलिए मैंने इस पर बाद में दबाव नहीं बनाया।’’

29 फरवरी 2012,राष्ट्रीय लोकमंच प्रमुख अमर सिंह ने कहा था कि वह उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद बाटला हाउस मामले को लेकर गृह मंत्री चिदंबरम के घर के बाहर धरना देंगे। अमर सिंह ने एक चुनावी रैली में कहा कि चुनाव के बाद वह चिदंबरम के घर के बाहर तब तक धरने पर बैठेंगेए जब तक गृह मंत्री बाटला हाउस मामले में मुसलमानों से माफी नहीं मांगेंगे।

17 अक्टूबर 2008, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने बाटला हाउस में हुई मुठभेड़ की न्यायिक जांच की मांग करते हुए कहा कि आजमगढ़ के कई मुसलमानों ने आजादी की लड़ाई में जान दी थी, ऐसे में उनके बेटे आतंकवादी कैसे हो सकते हैं। मुलायम ने कहा था कि, "बाटला हाउस मुठभेड़ की सच्चाई तभी सामने आएगी, जब उसकी जांच सर्वोच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करवाई जाय।"

9 फरवरी 2012 :  यूपी के विधानसभा चुनावों में मुस्लिम वोट को अपने पक्ष में करने के लिए आजमगढ़ में केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि बटला हाउस मुठभेड़ की तस्वीरें देखने के बाद सोनिया गांधी रोनी लगी थींलेकिन 10 Feb  को अपने बयान पर सफाई देते हुए खुर्शीद ने कहा कि उन्होंने यह नहीं कहा था कि सोनिया रोईं बल्कि यह कहा कि वह संवेदनशील हो गई थीं।


19 सितंबर 2009:   दिल्ली के चर्चित बटला हाउस मुठभेड़ के एक साल पूरे होने पर पीपुल्स यूनियन ऑफ सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) और उसके सहयोगी संगठन संजरपुर संघर्ष सेवा समिति के कार्यकर्ताओं के धरने को संबोधित करते हुए मैग्ससे पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पांडेय ने आरोप लगाया था कि बटला हाउस मुठभेड़ की आड़ में निर्दोष युवकों को मारा गया और बड़ी संख्या में मुस्लिम युवकों का उत्पीड़न हुआ, जिससे समुदाय के मन में संदेह एवं असुरक्षा की भावना पैदा हो गई। उन्होंने कहा कि न्याय का सिद्धांत है कि अपराधी भले ही बच जाए मगर किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए। पांडेय ने दावा किया कि बटला हाउस मुठभेड़ में संजरपुर के युवक साजिद के सिर में गोली लगी थी, जिससे मुठभेड़ की सत्यता पर संदेह स्वाभाविक है और सारे मामले की न्यायिक जाँच होनी चाहिए।

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